
इजराइल ने आज 14 जून 2025 की सुबह ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर एयरस्ट्राइक शुरू कर दी है। राजधानी तेहरान में कई जगह पर धमाकों की आवाज सुनी गई है। इजराइली विमानों ने इस्फहान और फोर्डो इलाके में ईरानी न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया है।
सुबह 200 इजराइली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया था। इसमें 78 लोग मारे गए और 329 घायल हुए। मरने वालों में ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।
इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने पलटवार करते हुए दोपहर को ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन दागे थे। इजराइली सेना (IDF) ने दावा किया है कि उन्होंने सभी ड्रोन्स को मार गिराया था।
ईरान के IRGC कमांडर की मौत

ईरान के सरकारी मीडिया ने पुष्टि की है कि इजराइली हमले में इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है।
अल-जजीरा के मुताबिक हमले में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फरदून अब्बासी भी मारे गए हैं।
इजराइल ने यह दावा किया है कि हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, सेना के अन्य बड़े अधिकारी और कुछ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
इस बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने कहा कि हमारी सेना इजराइल को सजा दिए बिना नहीं जाने देगी।
इजराइल अप्रैल में ईरान पर हमला करने वाला था

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो में बताया कि उन्होंने नवंबर 2024 में अपने मिलिट्री अधिकारियों को ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को तबाह करने का आदेश दिया था। पहले यह हमला अप्रैल के आखिर में होने वाला था, लेकिन कुछ वजहों से तब इसे टाल दिया गया।
नेतन्याहू ने कहा कि सितंबर 2024 में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद इस इलाके में ईरानी गठबंधन टूट गया था। इसके बाद यह साफ हो गया था कि ईरान अब जल्दी से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश करेगा।
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल के पास कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि ईरान के पास परमाणु हथियार होगा, तो हमारा यहां वजूद नहीं रहेगा।
अमेरिका ने हमले में इजराइल का साथ देने से पल्ला झाड़ा
फिलहाल अमेरिका ने इस हमले से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह इजराइल की ‘एकतरफा कार्रवाई’ है। अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान जवाबी कार्रवाई न करें और अमेरिकी सैनिकों को निशाना न बनाए।
रुबियो ने कहा कि अमेरिका की सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने सैनिकों की सुरक्षा है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। रुबियो ने यह भी कहा कि हमले से पहले इजराइल ने अमेरिका को सूचना दी थी।
इजराइली पीएम नेतन्याहू का संबोधन
- इजराइली सेना और सुरक्षा एजेंसियों के निर्देशों का पालन करें। यह ‘फैसले की घड़ी’ है।
- अगर अभी कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा।
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का मानना है कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
- जब कोई दुश्मन कहे कि वह आपको खत्म करना चाहता है, तो उस पर यकीन करें। और अगर वह ताकत हासिल कर रहा है, तो उसे रोकें।
- ईरानी जनता से कहना चाहता हूं कि इजराइल उनके खिलाफ नहीं है। हम ईरान की सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
- ईरानी सरकार ने दशकों से अपने ही लोगों को दबाया है। मुझे यकीन है कि वह दिन दूर नहीं जब ईरानी जनता इस दमन से आजाद होगी।
- इजराइल और ईरान के बीच फिर से दोस्ती का रिश्ता कायम होने वाला है।
- इजराइल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए ये कदम उठा रहा है।
- ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और पूरी दुनिया को अस्थिर करना चाहता है।
- आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जब अच्छाई ने बुराई पर और रोशनी ने अंधकार पर जीत की दिशा में कदम बढ़ाया।

इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जो इस हालिया हमले से स्पष्ट है। दोनों देशों के बीच यह संघर्ष क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमले ने पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ा दी है। इस स्थिति में अमेरिका का तटस्थ रहना और भी जटिलता पैदा कर सकता है। क्या यह संघर्ष और बड़े युद्ध की ओर बढ़ सकता है? WordAiApi